ऋग्वेद में गाय से मिलने वाले दूध के स्वास्थ्य लाभों का बड़े ही विस्तार से विवरण है | इस वेद के अनुसार गाय जो आहार जड़ी बूटियों के साथ लेती है, उसके सारे रोगनिरोधी पोषक तत्व उसके दूध में विद्यमान होते हैं | वैज्ञानिकों के अनुसार भी यह सत्य है और इस बात की पुष्टि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में बहुत पहले ही कर दी गई थी |
दूध
वेद में और वैज्ञानिक क्षेत्र में दूध से मिलने वाले पौष्टिक तत्वों को नकारा नहीं जा सकता है | गाय को भारतीय संस्कृति में अमृत प्रदायिनी किसी कारण से ही कहा जाता है | दूध में कैलशियम, विटामिन डी, फॉसफोरस, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स होता है | यह हृदय रोग तथा पांडु रोग कि संभावना कम कर देता है | दूध में विटामिन के2 भी होता है जिससे दांत व हड्डियाँ शक्तिशाली बनती हैं | इसमे पाए जाने वाला प्रोटीन आपकी मास पेशियों को बलवान बनाता है | बढ़ते बच्चों को विशेषकर प्रतिदिन इसका सेवन करना ही चाहिए | पारस डेरी दूध की हर प्रकार की विशेषता को ध्यान में रखते हुए ग्राहकों की स्वास्थ्य सबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु टी मिल्क , टोंड मिल्क, क्रीम मिल्क, दमदार दूध आदि उत्पादों का विक्रय करती है |
दही
दही में पाए जाने वाले जीवाणु पाचन में सहायक होते हैं और पेट की अम्लता को भी दूर रखते हैं | अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के अनुसार दही का प्रतिदिन सेवन उच्च रक्तचाप का जोखिम कम करता है | महिलाओं को दही निश्चित ही अपने आहार का भाग बनाना चाहिए | गुप्तांग में होने वाले संक्रमण को दही में पाए जाने वाला लैक्टोबैसिलस नियंत्रित रखता है | इसमें मिलने वाला कैल्शियम बढ़ती आयु के साथ होने वाली हड्डियों से जुड़ी बीमारियों से लड़ने में सहायता करता है | हमारी त्वचा प्रदूषण और बढ़ती उम्र की निशानियों से अकेले नहीं लड़ सकती | दही का सेवन त्वचा को जवान रखने में सहायक है | इसमें मिलने वाला लैक्टिक ऐसिड मृत त्वचा कोशिकाओं को छुड़ाने और उसके स्थान पर नई सुंदर त्वचा के जन्म लेने में एक विशेष भूमिका निभाता है| ऋग्वेद में मेहनत करने वालों को दोपहर के समय दही खाने कि सलाह भी दी गई है जो कि गर्मियों में विशेषकर, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी, सही सलाह है | पारस डेरी इन सारी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शुद्ध गाढ़ा दही का ही विक्रय करती है |
छास
छास हमारे शरीर के तापमान को विनियमित करता है | हम अपच, अम्लता जैसी परेशानियों से भी छुटकारा पा सकते हैं अगर हम छास का सेवन करें तो | जिनको निर्जलीकरण, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों की शिकायत बनी रहती है, उन्हें अपने भोजन के साथ प्रतिदिन छास का सेवन करना ही चाहिए | छास में अदरक और कालीमिर्च डालकर पीने से उसकी औषधीय गुण बढ़ जाते हैं | पारस डेरी इस गुण को देखकर ही मसाला छास का उत्पादन भी करती है | जो लोग लैक्टोस इंटोलरंट होते हैं वो बिना किसी परेशानी के छास का सेवन कर सकते हैं | जिन्हें अपना वज़न कम करना होता है उन्हें विशेषज्ञ छास पीने को कहते हैं क्योंकि इसमें फैट्स नहीं होता | और सबसे महत्वपूर्ण इसमें पाए जाने वाला रिबोफ्लेविन है जो खाने को ऊर्जा में परिवर्तित करता है |
मिष्ठान
जिन लोगों को थकान महसूस होती है उन्हे मिष्ठान खाने से परहेज़ नहीं करना चाहिए | दूध से बनी मिठाइयों में दूध के सभी पोषक तत्व मिल जाएंगे | इसमें कार्ब्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं | जो गर्भवती महिलायें होती हैं उन्हे दूध से बनी पौष्टिक मिठाइयों का सेवन करना चाहिए | रसगुल्ले विशेषकर कॅल्शियम से भरपूर होते हैं | पारस डेरी अच्छी गुणवत्ता वाली मिठाइयों का उत्पादन व विक्रय करती है जैसे – चम-चम, रसगुल्ला, गुलाबजामुन, मथुरा पेड़ा, सोन पापड़ी, आदि |